स्व. रवीन्द्र श्रीवास्तव " जुगानी भाई "
आकाशवाणी गोरखपुर के सेवा निवृत्त कार्यक्रम अधिकारी रहलें । जुगानी भाई नाम से मशहूर डा.रवीन्द्र नाथ श्रीवास्तव पर दी.द.उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी एवं आधुनिक भारतीय भाषा तथा पत्रकारिता विभाग में शोध प्रबंध प्रस्तुत हो चुकल बा । आप आकाशवाणी गोरखपुर खातिर 500 से अधिक लघु नाटिका के लेखन निर्देशन भी कइले रहलीं ।
जुगानी भाई के उ.प्र.हिन्दी संस्थान से लोकभूषण सम्मान, वर्ष 2013 में विद्याश्री न्यास के आचार्य विद्यानिवास मिश्र स्मृति सम्मान आ विद्यानिवास मिश्र लोककला सम्मान प्राप्त भईल । उनकर रचना ‘मोथा अउर माटी’, ‘गीत गांव-गांव के’, ‘नोकियात दूब’ आ ‘अखबारी कविता’ जईसन कृतियन के रचना क के भोजपुरी की थाती बढ़उले बाटें ।।
श्री रवीन्द्र श्रीवास्तव के उ.प्र.हिन्दी संस्थान वर्ष 2015 के भिखारी ठाकुर सम्मान दिहले रहल । उनके वर्ष 2001में संस्कार भारती,2002 में लोकभूषण, 2004 में भोजपुरी रत्न, 2009 में सरयू रत्न, 2011 में पं.श्याम नारायण पांडेय सम्मान आ 2012 में राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार मिल चुकल बा ।
आप दिनांक 14 फरवरी 2025 के एह नश्वर शरीर के छोड़ के अनंत यात्रा पर प्रस्थान क गईलीं ।।