गोरखपुरिया भोजपुरिया

हमार भोजपुरी हमार पहचान।

भोजपुरी माई के भाषा ह । ई अपने आप में विश्व के सबसे समृद्ध भाषा हवे। एकर मिठास आ भाव व्यक्त कईले के अद्भुत क्षमता एके सबसे अलग बनावे ले । बहुत दुख होला जब भोजपुरी भाषा के लोग कमतर आंकेलें आ बोलले में लजालें । जब देश के अन्य राज्यन में उहां के स्थानीय भाषा आ बोली के प्रयोग सम्मान के साथ होला आ लोग अपने भाषा के अपने सम्मान के साथ जोडलें त हम भोजपुरी भाषी लोग काहे न क सके ले । एही सोच के साथ गोरखपुरियां भोजपुरिया समूह बनावल गइल ।

एक समूह में पिछले 4 साल में 1500 से अधिक लोग जुड़ल बाड़े । हमहन के ई मानल जाला कि भासा बोलले से ही जीयत रहेले । बौद्धिक आ राजनीतिक विमर्श अलग विषय ह जेह पर बहुत लोग आ संस्था काम करत बाड़ी । पर कुल कईल करावल व्यर्थ हो जाई जब लोग बोलले छोड़ दीहें ।। हमहन के पूरा प्रयास भोजपुरी बोलले , बोलवउले आ गर्व के साथ अपने से जोड़े के बा ।

गोरखपुरिया भोजपुरिया ए गो अईसन समूह बनउले के प्रयास ह जेहमे हर वर्ग , उम्र , व्यवसाय , देश आ क्षेत्र के भोजपुरी भाषी लोग जुड़े आ भोजपुरी भासा के बोल के ,लिख के आ पढ़ के ऐकर मान बढ़ावें, एके समृद्ध करें । गोरखपुरिया भोजपुरिया समूह अपने प्रयास में पिछले चार साल में हर उम्र के आ हर वर्ग के लोगन के जोडले में सफल भईल ह । ई यात्रा सबके सहयोग से अनवरत जारी बा आ भविष्य में पूरे देश आ भोजपुरी भाषी देशन के भोजपुरिया माटी के लोगन के जोडले के दिशा में आगे बढ़त रही । आवे वाला समय में हमहन के टेक्नोलॉजी के माध्यम से अधिक से अधिक लोगन तक पहुंचले के प्रयास करब ।।

 Gorakhpuriya Bhojpuria  Gorakhpuriya Bhojpuria

Trust Registration

ई संस्था आयकर की धारा 12A और 80G के तहत रजिस्टर्ड बा।
ई संस्था नीति आयोग में सामाजिक संस्था के रूप में पंजीकृत बा।

Indian Trust Act (1882) के तहत पंजीकृत बा।
Regd. No. : 04/219/2425
Niti Aayog : UP/2024/0451042
12A: AAETG8104HE20241
80G : AAETG8104HE20241

प्रेरणास्रोत

स्व. रवीन्द्र श्रीवास्तव " जुगानी भाई "

आकाशवाणी गोरखपुर के सेवा निवृत्त कार्यक्रम अधिकारी रहलें । जुगानी भाई नाम से मशहूर डा.रवीन्द्र नाथ श्रीवास्तव पर दी.द.उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी एवं आधुनिक भारतीय भाषा तथा पत्रकारिता विभाग में शोध प्रबंध प्रस्तुत हो चुकल बा । आप आकाशवाणी गोरखपुर खातिर 500 से अधिक लघु नाटिका के लेखन निर्देशन भी कइले रहलीं ।

जुगानी भाई के उ.प्र.हिन्दी संस्थान से लोकभूषण सम्मान, वर्ष 2013 में विद्याश्री न्यास के आचार्य विद्यानिवास मिश्र स्मृति सम्मान आ विद्यानिवास मिश्र लोककला सम्मान प्राप्त भईल । उनकर रचना ‘मोथा अउर माटी’, ‘गीत गांव-गांव के’, ‘नोकियात दूब’ आ ‘अखबारी कविता’ जईसन कृतियन के रचना क के भोजपुरी की थाती बढ़उले बाटें ।।

श्री रवीन्द्र श्रीवास्तव के उ.प्र.हिन्दी संस्थान वर्ष 2015 के भिखारी ठाकुर सम्मान दिहले रहल । उनके वर्ष 2001में संस्कार भारती,2002 में लोकभूषण, 2004 में भोजपुरी रत्न, 2009 में सरयू रत्न, 2011 में पं.श्याम नारायण पांडेय सम्मान आ 2012 में राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार मिल चुकल बा ।

आप दिनांक 14 फरवरी 2025 के एह नश्वर शरीर के छोड़ के अनंत यात्रा पर प्रस्थान क गईलीं ।।

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हमरे संरक्षक

प्रो हर्ष सिन्हा

प्रो हर्ष सिन्हा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में रक्षा अध्ययन विभाग में प्रोफ़ेसर के रूप में सेवारत बाटें और विभागाध्यक्ष, क्रीड़ा परिषद अध्यक्ष, मानद ग्रंथालयी सहित अनेक महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद पर रहि चुकल बाटें। नई शिक्षा नीति के लागू करे खातिर राज्य सरकार द्वारा गठित शीर्ष समिति के सदस्य के अलावा प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग उनके जी-20 एंबेसडर के रूप में भी नामित कईले रहे। आजकल ऊ विश्वविद्यालय के निदेशक (प्रवेश) के जिम्मेदारी भी निभावताटें।
लगभग 25 साल तक इंडिया टुडे, बीबीसी अ संडे मेल खातिर पूर्वी उत्तर प्रदेश के रिपोर्टिंग के अलावा राष्ट्रीय सहारा में खबर और स्तंभ लिखले और फीचर परिशिष्ट ' आजकल' के संपादन के नाते प्रसिद्ध हर्ष जी के एगो और बात के श्रेय जाला कि उनके संयोजन में 'आजकल ' में 6 साल से ज्यादा समय तक हर हफ्ता जुगानी भाई क भोजपुरी स्तंभ 'बेंगुची चलल ठोंकावे नाल' लगातार छपल।

राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार के अलावा रक्षा मंत्रालय से सर्वश्रेष्ठ लेखन पुरस्कार से सम्मानित हर्ष जी गोरखपुर लिटरेरी फेस्टिवल के अध्यक्ष और गोरखपुरिया भोजपुरिया के संरक्षक/मार्गदर्शक के रूप में हमरे अभियान के साथ जुड़ल बाटे

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डा संजयन त्रिपाठी

डा संजयन त्रिपाठी पूर्वी उत्तर प्रदेश के दर्जनों विद्यालय और उच्च शिक्षा संस्थानन के संचालन करे वाला समूह नवल्स ग्रुप स्कूल एन्ड कॉलेज के चैयरमेन बाटे। एक शिक्षाविद और शिक्षक होले के साथ ही सामाजिक और राजनीति के क्षेत्र में भी खासे सक्रिय बाटे और भाजपा के वरिष्ठ नेता हवे ।। आप सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में बहुत सक्रिय रहले के साथ साथ आपके भोजपुरी भाषा में गहरी रुचि रख्खे ले एकरे साथ साथ गोरखपुरिया भोजपुरिया के अभियान और भाषा के संरक्षण और संवर्धन में सदैव संरक्षक/मार्गदर्शक के भूमिका में अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहे ले।

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संस्थापक

विकाश श्रीवास्तव

गोरखपुरिया भोजपुरिया के संस्थापक विकाश श्रीवास्तव एम् कॉम सीए (इंटर ) एल एल बी और एल एल एम के शिक्षा ग्रहण कर पेशे से आयकर एवं जीएसटी कॉउंसलर हवे पिछले बिस वर्षं से आपन पेशेवर सेवा में सेवारत बाटे।एकरे आलावा लायंस क्लब इंटरनेशनल गोरक्ष के प्रेसिडेंट तथा टैक्स अधिवक्ता एसोसिएशन गोरखपुर के जॉइंट सेक्रेटरी के पद पे आपन सेवा पूर्व में दे चुकल बाटे सामाजिक कार्य क्षेत्र में सक्रिय रहेले के साथ साथ गोरखपुरिया भोजपुरिया के माध्यम से भोजपुरी भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन खातिर सक्रीय बाटें।

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नरेंदर मिसिर

गोरखपुरिया भोजपुरिया के सह संस्थापक नरेंदर मिसिर लंबा समय से सामाजिक क्षेत्र , पत्रकारिता , लेखन आ फिल्म से जुड़े बाटें ।। स्वास्थ , मानवाधिकार आ समानता के अभियान आ आंदोलन में लंबा समय ले सक्रिय रहलें आ यूनिसेफ , पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज , एक्शन एड जईसन संस्थानन के साथ जुडल रहल बाटें । वर्तमान में फिल्म आ डॉक्यूमेंट्री निर्माण में विश्व के अग्रणी कंपनी के साथ जुड़ के काम करत बाने । भोजपुरी भाषा के संरक्षण आ संवर्धन खातिर भोजपुरी बोलले के एक अभियान के माध्यम से घर घर , खासकर नया पीढ़ी ले एह भाषा के पहुंचवले में जुटल बांटें ।।

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